आयुर्वेद में केसर (saffron in hindi) का बहुत ही अधिक महत्व बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, केसर का सेवन करना छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आपके शरीर को केसर के इस्तेमाल से ना सिर्फ कई तरह के फायदे पहुंचते हैं, बल्कि यह कई बीमारियों को होने से रोकता भी है। रोग हो जाने पर उसे ठीक करने में भी मदद पहुंचाता है।
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आपने भी कई बार केसर (kesar) का नाम सुना-पढ़ा, होगा, लेकिन शायद आपको केसर के अंदर मौजूद फायदों की पूरी जानकारी नहीं होगी। ऐसे में आप केसर का पूरा फायदा नहीं ले पाते होंगे। इसलिए आपको बताते हैं कि केसर का इस्तेमाल करना कितना लाभदायक हो सकता है।
केसर क्या है? (What is Kesar or Saffron in Hindi?)
केसर का पौधा छोटे आकार का होता है। केसर का उपयोग विभिन्न औषधियों, और खाद्य पदार्थों में किया जाता है। केसर का पौधा (saffron plant) कई सालों तक जीवित रहता है। इसकी जड़ के नीचे प्याज के समान गांठदार शल्ककन्द होता है। इसके पत्ते घास के समान लम्बे, एवं पतले होते हैं। केसर के फूल (saffron flower) नीले, बैंगनी, लाल-नारंगी रंग के होते हैं। फूल के स्त्रीकेशर के सूखे हुए आगे वाले भाग (stigma) को केशर (saffron) कहते हैं। आयुर्वेद में केसर के तीन प्रकार बताए गए हैं। सभी के गुण भिन्न-भिन्न होते हैं जो ये हैंः-
1.काश्मीरज केसर
कश्मीरी केसर (kashmiri saffron) लाल रंग का होता है। यह केसर सूक्ष्म तन्तुओं से युक्त होता है। यह कमल जैसे गन्ध वाला होता है। केसर की तीनों श्रेणियों में यह उत्तम श्रेणी का माना जाता है।
2.बाल्हीकज केसर
यह बलख-बुखारा देश का केसर है। यह सूक्ष्म तन्तुयुक्त, और पाले रंग का होता है। इसका गन्ध मधु जैसा होता है। यह केसर कश्मीरी केसर के कम गुण वाला माना गया है।
3.पारसीकज-पारस केसर
यह ईरान देश का केसर है। यह स्थूल तन्तुयुक्त, हल्का पीले रंग का, और मधु जैसे गन्ध वाला होता है। इस केसर को भी कश्मीरी केसर से कम गुणी वाला बताया गया है।
अन्य भाषाओं में केसर के नाम (Name of Kesar in Different Languages)
केसर का वानस्पतिक नाम क्रोकस सैटाइवस (Crocus sativus Linn.), Syn-Crocus officinalis (Linn.)Honck है। दुनिया भर में केसर को अनेक नामों से भी जाना जाता है। इसके भिन्न-भिन्न नाम ये हैंः-
Kesar (saffron) in-
- Hindi (saffron in hindi) – केशर, केसर, जफरान
- Urdu- जापैंरान (Jafran)
- English (kesar in english)- क्रोकस (Crocus), सैप्रैंन क्रोकस (Saffron crocus), सैपैंरन (Saffron)
- Sanskrit- कुंकुम, केशर, घुसृण, रक्त, काश्मीरज, बाह्लीक
- Kannada- कुंकुमकेसरी (Kunkumakesari)
- Kashmir- कोंग (Kong)
- Gujarati- केशर (Keshar)
- Tamil (saffron meaning in tamil)- कुंगुमपु(Kungumapu)
- Telugu- कुन्कुमापुवु (Kunkumapuvu)
- Bengali- जापैंरान (Jafran)
- Punjabi- केशल (Keshal)
- Marathi- केसर (Kesar)
- Malayalam- केसरम (Kesaram)
- Nepali- केशर(Keshar)
- Arabic- जापैंरान (Jafran), जहापैंरान (Zahafaran), कुर्कुम (Kurkum)
- Persian- करकीमास (Karkimasa), लरकीमासा (Larkimasa), जापैंरान (Jafraan)
केसर के फायदे (Kesar Benefits and Uses in Hindi)
आपने कई बार यह देखा होगा कि जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे केसर वाला दूध पीने (saffron during pregnancy) को दिया जाता है। इसी तरह रोग जैसे कमजोरी, सर्दी-जुकाम होने पर, या अन्य बीमारियों में केसर के सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि केसर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कि केसर (Patanjali Kesar) का औषधीय प्रयोग कैसे किया जा सकता है, केसर के इस्तेमाल की मात्रा क्या होनी चाहिए, और इसकी विधियां क्या-क्या हैंः-
डैंड्रफ (रूसी) की परेशान में केसर का प्रयोग (Benefits of Patanjali Kesar or Saffron in Dandruff Treatment in Hindi)
कई लोग रूसी या डैंड्रफ से परेशान रहते हैं, और रूसी से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। इसके बाद भी कई बार रूसी की परेशानी खत्म नहीं होती। ऐसे में केसर का प्रयोग करना लाभदायक होता है। डैंड्रफ को हटाने के लिए मरिच, और केशर को समान मात्रा में मिलाकर, तेल में पका लें। इस तेल से सिर पर मालिश करें। इससे रूसी की समस्या से निजात मिल सकती है।
और पढ़ेंः रूसी का रामबाण इलाज
शरीर में ठंड लगने पर केसर का उपयोग (Patanjali Kesar Benefits in Cold Problem in Hindi)
केशर (saffron), अगरु, कस्तूरी, इलायची, देवदारु आदि को अलग-अलग, या एक साथ बारीक पीस लें। इसका लेप करने से ठंड कम होती है।
बच्चों की सर्दी में केसर का इस्तेमाल (Uses of Saffron to Treat Cold Disease in Children in Hindi)
छोटे बच्चे प्रायः भिन्न-भिन्न कारणों से बीमार पड़ जाते हैंं। इसी तरह छोटे बच्चों को सर्दी की भी शिकायत होती रहती है। ऐसे में केशर को गर्म दूध (kesar milk) के साथ पीसकर छाती पर लेप करें। इससे सर्दी ठीक हो जाती है।
केसर के इस्तेमाल से जल्द भरता है घाव (Saffron Uses for Healing Wound in Hindi)
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घाव को भरने में भी केसर बहुत मदद करता है। घाव हो गया है, और जल्दी ठीक नहीं हो रहा है, तो केशर के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी भर जाता है।
और पढ़ेंः घाव सुखाने के लिए शतावरी का प्रयोग
सर्दी-जुकाम में फायदेमंद केसर का उपयोग (Benefits of Saffron in Fighting with Cold and Cough in Hindi)
सर्दी-जुकाम बहुत ही साधारण बीमारी है। जो लोग इन बीमारियों का आयुर्वेद तरीके से उपचार करना चाहते हैं, उन्हें 65 मिग्रा केशर को पान में रखकर खाना है। इससे सर्दी-जुकाम में फायदा होता है।
और पढ़ेंः सर्दी-जुकाम के लिए घरेलू इलाज
आंतों के रोग में फायदेमंद केसर का सेवन (Benefits of Patanjali Kesar to Treat Intestine Disease in Hindi)
आंत जब स्वस्थ रहता है, तो पाचनतंत्र सही तरह से काम करता है। इसलिए आंतों के रोग में 10-15 मिली केशर का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे आंतों से संबंधित परेशानी से राहत मिलती है।
और पढ़ें – आंतों के रोग में आरोग्यवर्धिनी वटी के लाभ
माहवारी विकार में केसर का सेवन (Patanjali Kesar Benefits for Menstrual Disorder in Hindi)
महिलाओं को मासिक धर्म से संबंधित विकार होते ही रहते हैं, लेकिन केसर का सेवन करने से मासिक धर्म संबंधी परेशानियों से आराम मिलता है। इसके लिए केशर, तथा अकरकरा को पीस लें। इसकी 125 मिग्रा की गोली बना लें। इसे खाने से मासिक धर्म विकारों में लाभ होता है।
मूत्र रोग (पेशाब से संबंधित बीमारी) में केसर से फायदा (Benefits of Saffron in Treating Urinary Disease in Hindi)
- पेशाब के रुक-रुक कर आने, और पेशाब संबंधित अन्य रोग में केसर के प्रयोग से लाभ होता है। इसके लिए 10-15 मिली केशर के काढ़ा में थोड़ी मात्रा में नमक मिला लें। इसे पानी के साथ सेवन करने से पेशाब संबंधित विकार में लाभ होता है।
- मूत्र से संबंधित बीमारियों को ठीक करने के लिए केशर को रात भर पानी में भिगो दें। सुबह उसका चूर्ण बना लें, और इस चूर्ण को शहद के साथ पानी में मिलाकर पीने से मूत्र विकार में फायदा होता है।
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रक्तस्राव (नाक-कान आदि अंगों से खून बहने की परेशानी) में फायदेमंद केसर का प्रयोग (Patanjali Kesar (Saffron) Benefits to Stop Bleeding in Hindi)
कुछ लोगों को रक्तस्राव (नाक-कान आदि से खूून बहने की परेशानी) जैसी परेशानी हो जाती है। इसी तरह मुंह, गुदा, योनि आदि इंद्रियों से भी रक्तस्राव होने लेती हैं। ऐसे में केसर का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। केशर को बकरी के दूध (kesar milk) में मिलाकर पिलाने से रक्तस्राव में लाभ होता है।
केसर का प्रयोग कर जोड़ों के दर्द में फायदा (Benefits of Patanjali Kesar for Arthritis in Hindi)
जोड़ों के दर्द के कारण लोगों का जीवन ही दुखमय हो जाता है। लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में केसर से फायदा मिल सकता है। केशर के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। इससे जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।
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हैजा में केसर का इस्तेमाल फायदेमंद (Benefits of Patanjali Kesar in Cholera Treatment in Hindi)
केसर का इस्तेमाल हैजा जैसी गंभीर बीमारी में भी किया जा सकता है। इसके लिए 5 मिली नींबू रस में थोड़ी-सी केशर मिलाकर चांटें। इससे हैजा में लाभ होता है।
लिवर विकार में केसर के इस्तेमाल से लाभ (Kesar Benefits for Liver Problem in Hindi)
लोगों को लिवर से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होने की संभावना रहती है। ऐसे में केशर के चूर्ण में 10 मिली करेले का रस मिला लें। इसे पिलाने से लिवर से संबंधित विकार ठीक हो सकते हैं।
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केसर के प्रयोग से सिर दर्द से आराम (Benefits of Kesar in Relief from Headache in Hindi)
जो लोग सिर दर्द से परेशान रहते हैं, वे घी में केशर के चूर्ण, और चीनी को डालकर पकाएं। इस घी को 1-2 बूंद नाक में डालें। इससे अधकपाड़ी, और अन्य प्रकार के सिर दर्द में आराम मिलता है। इससे वात और खून से संबंधित विकार, और आंखों की बीमारी में भी लाभ (saffron benefits) मिलता है।
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केसर के इस्तेमाल से पेट दर्द से आराम (Patanjali Kesar Benefits to Treat Abdominal Pain in Hindi)
पेट दर्द कई कारणों से होती है। पेट के दर्द से परेशान व्यक्ति 500 मिग्रा दालचीनी चूर्ण में 65 मिग्रा केशर मिला लें। इसकी 65 मिग्रा की गोली बना लें। इस गोली को 1-1 की मात्रा में सुबह और शाम खाएं। इससे पेट दर्द से आराम मिलता है।
मानसिक रोग में करें केसर का उपयोग (Uses of Saffron for Mental Disorder in Hindi)
मानसिक रोगियों के लिए भी केसर बहुत फायदेमंद होता है। ब्राह्मी के 15-30 मिली काढ़ा में केशर डालकर, पीने से मानसिक रोगों में लाभ होता है।
हृदय रोग में लाभकारी केसर का उपयोग (Benefits of Patanjali Kesar for Heart Disease in Hindi)
ह्रदय रोग बहुत ही गंभीर रोग माना जाता है। दुनिया भर में हजारों लोग ह्रदय संबंधी विकार से ग्रस्त हैं, और इनसे उनके जीवन को जोखिम पहुंचने की संभावना भी रहती है। केसर इन लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हृदय को स्वस्थ बनाने वाली दूसरी औषधियों के साथ केशर को मिलाकर दें। इससे हृदय रोग में लाभ होता है।
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केसर के उपयोगी भाग (Useful Parts of Kesar)
केसर को मुख्यतः दो तरीके से इस्तेमाल में लाया जाता है, जो ये हैंः-
1.वर्तिका
2.वर्तिकाग्र
केसर का सेवन कैसे करें? (How to Use Kesar in Hindi?)
आप केसर का सेवन इतनी मात्रा में कर सकते हैः-
मात्रा- 0.5-1 ग्राम
आप केसर का पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, इसलिए केसर के प्रयोग से पहले चिकित्सक की परामर्श जरूर लें।
केसर कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Kesar Found or Grown?)
केशर का पौधा (saffron tree) 20-30 सेमी ऊंचा, और आकार में छोटा होता है। भारत में जम्मू एवं कश्मीर में केसर (saffron) की खेती की जाती है।
Nguồn: https://vuihoctienghan.edu.vn
Danh mục: फ़ायदा
This post was last modified on Tháng mười một 18, 2024 4:25 chiều