चंद्रप्रभा वटी क्या है? – What is Chandraprabha Vati?
आयुर्वेद में चंद्रप्रभा वटी एक बहुत ही प्रसिद्ध और उपयोगी वटी है। इसके नाम से ही उसके गुणों का भी पता चलता है। चंद्र यानी चंद्रमा, प्रभा यानी उसकी चमक, अर्थात् चंद्रप्रभा वटी के सेवन से शरीर में चंद्रमा जैसी कांति या चमक और बल पैदा होता है। इसलिए शारीरिक कमजोरी पैदा करने वाली लगभग बीमारियों में अन्य दवाओं के साथ चंद्रप्रभा वटी भी दी ही जाती है।
- क्या मौसमी का जूस खाली पेट पीना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे, नुकसान और सावधानियां
- सुबह खाली पेट लौंग का पानी पीने से सेहत को मिलते हैं 5 फायदे, इस तरह से करें सेवन
- Shivling Ke Upay: शिवलिंग पर चढ़ाएं ये पांच अनाज, घर में आएगी सुख-समृद्धि
- Kaju Khane ke Fayde: स्वास्थ्य लाभ और पोषण मूल्य
- B.Tech को लेकर दिमाग में है बहुत सारा कंफ्यूजन? जानिए इस डिग्री के 5 फायदे, सब हो जाएगा क्लियर
चंद्रप्रभा वटी के उपयोग और फायदे (Uses And Benefits Of Chandraprabha Vati in Hindi)
चंद्रप्रभा वटी है मधुमेह में फायदेमंद ( Benefits of Chandraprabh Vati for Diabetes in Hindi)
स्वामी रामदेव चंद्रप्रभा वटी का उपयोग मधुमेह (Diabetes) के नियंत्रण के लिए करते हैं। डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों के लिए यह दवा बहुत फायदेमंद है।
चंद्रप्रभा वटी ठीक करती है किडनी सम्बन्धी रोग – (Benefits of Chandraprabh Vati for Kidney related disorders in Hindi)
किडनी के खराब होने पर मूत्र की उत्पत्ति बहुत कम होती है जो शरीर में अनेक रोग उत्पन्न करता है एवं मूत्राशय में विकृति होने पर मूत्र आने पर जलन, पेडू में जलन, मूत्र का रंग लाल होना या अधिक दुर्गन्ध होना इन सब में चन्द्रप्रभा वटी अति उपयोगी है। इससे गुर्दों की कार्यक्षमता बढ़ती है जो शरीर को साफ करते हैं। बढ़े हुए यूरिक एसिड (Uric acid) और यूरिया (Urea) आदि तत्वों को यह शरीर से बाहर निकालती है। अगर आप किडनी रोगों से पीड़ित हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेकर चंद्रप्रभा वटी का उपयोग करें.
चंद्रप्रभा वटी है मूत्र सम्बन्धी विकारों में लाभदायक (Uses of Chandraprabh Vati in Urinary track inflammation in Hindi)
यह वटी पेशाब की परेशानियों और वीर्य विकार की काफी लाभकारी तथा प्रसिद्ध दवा है। मूत्र आने पर जलन, रुक-रुक कर कठिनाई से मूत्र आना, मूत्र में चीनी आना, मूत्र में एल्ब्युमिन जाना (Albuminuria), मूत्राशय की सूजन तथा लिंगेन्द्रिय की कमजोरी इससे शीघ्र ठीक हो जाती है।
पतंजलि चंद्रप्रभा वटी से बढ़ाएं शारीरिक और मानसिक शक्ति ( Chandraprabh Vati works like a tonic in Hindi)
पतंजलि चंद्रप्रभा वटी के नियमित सेवन से शारीरिक तथा मानसिक शक्ति मे वृद्धि होती है। यह थोड़े से श्रम से हो जाने वाली थकान और तनाव आदि को कम करती है, शरीर में स्फूर्ति लाती है और स्मरण शक्ति (memory) को बढ़ाती है। चंद्रप्रभा वटी के फायदे को देखते हुए इसे सम्पूर्ण स्वास्थ्य टॉनिक के रूप मे प्रयोग किया जाता है। इसके साथ लोध्रासव या पुनर्नवासव का भी प्रयोग करना चाहिए। टॉनिक होने के अलावा चंद्रप्रभा वटी शरीर को विभिन्न प्रकार के टॉक्सिन (toxins) से मुक्त करने का भी काम करती है।
वीर्य सम्बन्धी रोगों में चंद्रप्रभा वटी के लाभ (Chandraprabh Vati improves Sperm Quality in Hindi)
पुरुषों में अधिक शुक्र क्षरण या स्त्रियों में अधिक रजस्राव होने से शारीरिक कान्ति नष्ट हो जाती है, शरीर का रंग पीला पड़ना, थोड़े ही परिश्रम से जल्दी थक जाना, आँखे अन्दर धँस जाना, भूख न लगना आदि विकार पैदा हो जाते है ऐसे में इस वटी का प्रयोग करने से लाभ मिलता है। यह रक्तादि धातुओं की पुष्टि करती है। यह स्पर्मकाउंट (sperm count) को बढ़ाती है, ब्लड सेल यानी रक्त कोशिकाओं का शोधन तथा निर्माण करती है। स्वप्नदोष (Nightfall) या शुक्रवाहिनी नाड़ियों के कमजोर पड़ जाने पर इसे गुडुची के क्वाथ से लेना चाहिए।
स्त्री रोगों में पतंजलि चंद्रप्रभा वटी के लाभ (Benefits of Patanjali Chandraprabha Vati for women in Hindi)
स्त्री रोगों के लिए भी यह एक अच्छी दवा है। यह गर्भाशय की कमजोरी दूर कर उसे स्वस्थ बनाती है। गर्भाशय के बढ़े आकार, उसकी रसौली, बारंबार गर्भपात आदि समस्याओं में चंद्रप्रभा वटी का सेवन रामबाण का काम करता है। यह गर्भाशयसंबंधी रोगों को दूर कर गर्भाशय को बल प्रदान करती है। अधिक मैथुन या अधिक संतान होने अथवा विभिन्न रोगों से गर्भाशय के कमजोर हो जाने, कष्ट के साथ मासिक धर्म आना (period pain), लगातार 10-12 दिन तक रजस्राव होना इन सब में चन्द्रप्रभा वटी को अशोक घृत या फलघृत के साथ लेना चाहिए।
चंद्रप्रभा वटी एक अच्छी दर्दनिवारक भी है (Chandraprabha Vati relieves pain in Hindi)
दर्द से राहत दिलाने में भी चंद्रप्रभा वटी फायदेमंद है। यूरिक एसिड कम करने के गुण के कारण जोड़ों के दर्द, गठिया वात के दर्द, जोड़ों के सूजन आदि को यह कम और समाप्त करती है। इसके सेवन से स्त्रियों में मासिक धर्म की अनियमितताएं भी ठीक होती हैं और उसके कारण होने वाले पेड़ू के दर्द, कमर दर्द आदि में आराम मिलता है।
और पढ़े: यूरिक एसिड बढ़ने के घरेलू उपचार
चंद्रप्रभा वटी के अन्य लाभ (Other Benefits of Chandraprabha Vati in Hindi)
मंदाग्नि, अजीर्ण, भूख न लगना कमजोरी महसूस करना इन सब में पतंजलि चंद्रप्रभा वटी लाभ करती है। मल-मूत्र के साथ वीर्य का गिरना, बार-बार मूत्र आना, ल्यूकोरिया (leukorrhea) , वीर्य दोष, पथरी (kidney stone), अंडकोषों में हुई वृद्धि, पीलीया (jaundice), बवासीर (Piles), कमर दर्द (backache), नेत्ररोग तथा स्त्री-पुरुषों के जननेन्द्रिय से संबंधित रोगों को यह ठीक करती है।
चंद्रप्रभा वटी का उपयोग कैसे करें – (How to use Chandraprabha Vati)
सामान्यतः इसकी गोलियां बनी होती हैं और दो-दो गोलियां सुबह-शाम सामान्य पानी या दूध के साथ लेनी चाहिए। कमजोरी आदि की स्थिति में इसे दूध के साथ लिया जाना चाहिए अथवा वैद्य की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए।
मात्रा– 250-500 मिली ग्राम
अनुपान– जल, दुग्ध
चंद्रप्रभा वटी कहाँ से खरीदें? – Where to buy Chandraprabha Vati in India?
आप पतंजलि चंद्रप्रभा वटी ऑनलाइन 1mg से खरीद सकते हैं: पतंजलि दिव्य चंद्रप्रभा वटी
Buy Divya Chandraprabha Vati online here: Divya Chandraprabha Vati
चंद्रप्रभा वटी का आयुर्वेद में उल्लेख – Reference in Ayurveda
चंद्रप्रभा वटी का वर्णन आयुर्वेद के <> ग्रन्थ में पृष्ठ क्रमांक <> पर इस प्रकार से मिलता है:
चद्रप्रभा वचा मुस्तं भूनिम्बामृतदारुकम्।
हरिद्रा।तिविषादार्वी पिप्पलीमूलचित्रकौ।।
धान्यकं त्रिफला चव्यं विडङ्गं गजपिप्पली।
व्योषं माक्षिकधातुश्च द्वौ क्षारौ लवणत्रयम्।।
एतानि शाणमात्राणि प्रत्येकं कारयेद् बुध।
त्रिवृद्दन्ती पत्रकं च त्वगेला वंशरोचना।।
प्रत्येकं कर्षमात्राणि कुर्यादेतानि बुद्धिमान्।
द्विकर्षं हतलोहं स्याच्चतुष्कर्षा सिता भवेत्।।
शिलाजत्वष्टकर्षं स्यादष्टौ कर्षाश्च गुग्गुलो।
एभिरेकत्र संक्षुण्णै कर्त्तव्या गुटिका शुभा।।
चद्रप्रभेति विख्याता सर्वरोगप्रणाशिनी।
प्रमेहान्विंशतिं कृच्छं मूत्राघातं तथा।श्मरीम्।।
विबन्धानाहशूलानि मेहनं ग्रन्थिमर्बुदम्।
अण्डवृद्धिं तथा पाण्डुं कामलां च हलीमकम्।।
आत्रवृद्धिं कटीशूलं श्वासं कासं विचर्चिकाम्।
कुष्ठान्यर्शांसि कण्डूं च प्लीहोदरभगन्दरम्।।
दन्तरोगं नेत्ररोगं त्रीणामार्त्तवजां रुजम्।
पुटंसां शुक्रगतान्दोषान्मन्दाग्निमरुचिं तथा।।
वायुतं पित्तं कपैं हन्याद् बल्या वृष्या रसायनी।
चद्रप्रभायां कर्षस्तु चतुशाणो विधीयते।।
शार्ङ्ग.म.ख.7/40-49
पतंजलि चंद्रप्रभा वटी के घटक – Composition of Chandraprabha Vati
क्र.सं.
घटक द्रव्य
प्रयोज्यांग
अनुपात
1
चन्द्रप्रभा (शटी/कर्चूर) (Hedychium spicatium Buch-Ham)
निस्राव
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
2
वचा (Acorus calamus Linn.)
कन्द
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
3
मुस्ता (Cyperus rotundus Linn.)
कन्द
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
4
भूनिम्ब (किराततिक्त) (Swertia chirayita Roxb.ex.Flem.Karst.)
पंचांग
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
5
अमृता (गुडुची) (Tinospoera cordifolia (willd))
तना
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
6
दारुक (देवदारु) (Cedrus deodara (Roxb.) Loud.)
सार
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
7
हरिद्रा (Curcuma longa Linn.) कन्द 3 ग्राम
8
अतिविषा (Aconitum heterophylum Wall.)
जड़ का गूदा
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
9
दार्वी (दारुहरिद्रा) (Berberis aristata DC)
तना
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
10
पिप्पलीमूल (Piper longum Linn.)
जड़
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
11
चित्रक (Plumbago zeylanica Linn.)
जड़
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
12
धान्यक (Coriandrum sativum Linn.)
फल
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
13
हरीतकी (Terminalia chebula Retz.)
फली
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
14
बिभीतक (Terminali bellirica Roxb.)
फली
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
15
आमलकी (Emblica officinalis Gaertn.)
फली
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
16
चव्य (Piper retrofractum Vahl.)
तना
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
17
विडङ्ग (Embella ribes Burm.)
फल
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
18
गजपिप्पली (Piper longum Linn.)
फल
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
19
सोंठ (Zingiber officinale Rosc.)
कन्द
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
20
काली मिर्च (Piper nigrum Linn.)
फल
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
21
स्वर्णमाक्षिक धातु
भस्म
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
22
यवक्षार (यव)
पंचांग
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
23
सज्जीक्षार
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
24
सैंधव लवण
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
25
सौवर्चल लवण
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
26
विड लवण
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
27
त्रिवृत्
जड़
12 ग्राम
28
दन्ती (Balio spermum montanum Muell.- Arg.)
जड़
12 ग्राम
29
पत्रक (तेजपत्र) (Cinnamomum tamal)
पत्ते
12 ग्राम
30
दालचीनी (Cinnamomum zeylanicum Breyn)
तने की छाल
12 ग्राम
31
एला (Elettaria cardmomum Maton.)
बीज
12 ग्राम
32
पिप्पली (Piper longum Linn.)
फल
Xem thêm : Papita Khane Ke Fayde: स्वस्थ्य के लिए लाभ और पोषण
3 ग्राम
33
वंशलोचन (Bambusa arundinacea Willd.) (S.C)
12 ग्राम
34
हतलोह (लौह भस्म)
24 ग्राम
35
सिता (मिश्री)
48 ग्राम
36
शिलाजीत
96 ग्राम
37
गुग्गुलु
निर्यास
96 ग्राम
Nguồn: https://vuihoctienghan.edu.vn
Danh mục: फ़ायदा
This post was last modified on Tháng mười một 18, 2024 2:21 chiều