डायबिटीज में करेले के फायदे और नुकसान

डायबिटीज में करेले के फायदे और नुकसान

डायबिटीज में करेले के फायदे और नुकसान

करेला जूस के फायदे और नुकसान

स्वाद में कड़वा लेकिन सेहत से भरपूर करेला डायबिटीज में भी खूब फायदेमंद होता है। यदि आप नियमित रूप से करेले का सेवन करते हैं तो आप कई रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। भारत, चीन, जापान, थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर, कोलंबिया, ब्राजील, अमेज़ॅन, अफ्रीका, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, अमेरिका जैसे कई देश है जो बड़े पैमाने पर करेला की खेती करते हैं। आइए जानते हैं, करेला जूस के फायदे और नुकसान क्या है, करेला खाने से कौन कौन सी बीमारी दूर होती है, इत्यादि।

करेले में कौन से गुण होते हैं?

करेले के कई तरह के गुण होते हैं, इसके कुछ गुण निम्नलिखित है:-

  • यह एक एंटीऑक्सीडेंट हो सकता है।
  • इसमें हाइपोग्लाइकेमिक (रक्त शर्करा के स्तर को कम करने वाली) एक्टिविटी हो सकती है।
  • इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण हो सकता है।
  • इसमें एंटी-वायरल गुण हो सकता है।
  • इसमें कैंसर रोधी क्षमता हो सकती है।
  • इसका डायरिया-रोधी प्रभाव हो सकता है।

करेला मधुमेह को कैसे प्रभावित करता है?

करेले में पाए जाने वाले कई कंपाउंड्स इंसुलिन के समान कार्य करते हैं और ब्लड शुगर को कम करते हैं। करेले का सेवन करने से शरीर के सेल्स को ग्लूकोज मांसपेशियों, लीवर और वसा तक आसानी से पहुंचाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, करेला शरीर के रक्त में पोषक तत्वों को ग्लूकोज में परिवर्तित करने से रोककर, शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को बनाए रखने में सहायता करता है।

यह भी दिखाया गया है कि करेले में लेक्टिन होते हैं, जो भूख को नियंत्रित करने में और टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों में ब्लड शुगर और ए 1 सी के स्तर को कम करने के लिए पेरीफेरल टिश्यूज़ पर काम करते हैं।

जबकि कुछ अध्ययन से पता चलता है कि करेला ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकता है परन्तु इसे मधुमेह या प्रीडायबिटीज के लिए दवा या उपचार के रूप में उपयोग करने के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया है। करेले में पाए जाने वाले कुछ कंपाउंड्स में पॉलीपेप्टाइड-पी (प्लांट इंसुलिन), ग्लाइकोसाइड, चरैन्टिन, विसीन और कराविलोसाइड्स शामिल हैं। लिवर, फैट टिश्यूज़ और मांसपेशियों के सेल्स में बढ़े हुए ग्लूकोज अवशोषण और ग्लाइकोजन उत्पादन के माध्यम से, ये कंपाउंड्स ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकते हैं। मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों के सटीक निदान और उपचार के लिए, डॉक्टर से सलाह लें। कृपया, स्व-दवा न लें।

करेले के पोषण संबंधी लाभ क्या है?

हमारे स्वास्थ्य के लिए करेला खाने के फायदे बहुत हैं, जो बीमारी को दूर करने के साथ कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। करेले में विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जैसे कि:

  • विटामिन ए
  • विटामिन सी
  • कैल्शियम
  • आयरन
  • थियामिन (बी1)
  • राइबोफ्लेविन (बी2)
  • नियासिन (बी3)फोलेट (बी9)
  • पोटैशियम
  • जिंक
  • फास्फोरस
  • मैगनीशियम

इसके अतिरिक्त, करेले में कई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। वास्तव में, आधा कप ताजा करेले से विटामिन सी की दैनिक आवश्यक मात्रा का लगभग 43% मिलता है।

करेले के स्वास्थ्य लाभ क्या है?

क्या आप जानते हैं, करेला खाने से कौन कौन सी बीमारी दूर होती है? करेले में उच्च मात्रा में फ्लेवोनोइड्स, अन्य पॉलीफेनॉल केमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के विकास की संभावना को कम करने में मदद कर सकते हैं।

करेले का उपयोग मासिक धर्म की परेशानी, जलन, बुखार, सूजन, मधुमेह, पुरानी खांसी, त्वचा विकारों, मलेरिया के इलाज या रोकथाम के लिए, गर्भवती महिलाओं को जन्म देने में मदद करने, घावों को ठीक करने और चिकनपॉक्स और खसरा जैसी वायरल बीमारियों सहित विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है।

करेले का उपयोग कैसे करें?

इसका उपयोग अधिकतर निम्न प्रकार से किया जाता है:

  • सब्ज़ी
  • करेले का जूस
  • डीहाइड्रेटेड करेले के छल्ले
  • करेले का अचार
  • करेले के पत्ते की चाय
  • तले हुए करेले के चिप्स

करेले के दुष्प्रभाव क्या है?

अधिकांश लोगों के लिए 3 महीने या उससे कम समय तक करेले का लगातार सेवन करना सुरक्षित है। यह अज्ञात है कि इसे लंबे समय तक लेना सुरक्षित है या नहीं, और इसे आपकी त्वचा पर लगाना सुरक्षित है या नहीं।

बहुत अधिक करेले के उपयोग के कुछ संभावित जोखिम और जटिलताएँ हो सकती हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

उल्टी, दस्त और अन्य आंतों की समस्याएं, गर्भपात, कॉन्ट्रैक्शंस या योनि से रक्तस्राव, यदि इंसुलिन के साथ लिया जाए तो ब्लड शुगर खतरनाक स्तर तक कम हो सकता है जिससे लीवर को नुकसान हो सकता है। यदि त्वचा पर लगाया जाये तो इससे रैशेस हो सकते हैं। कुछ लोगों को करेले के मौखिक सेवन से सिरदर्द का अनुभव हो सकता है।

करेले का उपयोग करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

करेले का उपयोग करते समय आपको निम्नलिखित बातों का ख्याल रखना चाहिए:-

  • ब्रैस्ट फीडिंग: ब्रैस्ट फीडिंग के दौरान इसका उपयोग करने से बचना अधिक सुरक्षित है।
  • ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (जी6पीडी): जिन लोगों में ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (जी6पीडी) की कमी होती है, उन्हें करेला के बीज खाने से गंभीर एनीमिया हो सकता है।
  • ऑपरेशन: किसी भी ऑपरेशन से कम से कम दो सप्ताह पहले करेले का सेवन बंद कर दें।
  • गर्भावस्था: गर्भवती होने पर करेला का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो विकासशील भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
  • एलर्जी: अगर आपको करले से एलर्जी है तो उससे दूर रहें।

करेले का दवाओं के साथ इंटरेक्शन्स क्या है?

यदि आप कोई दवा ले रहे हैं या सप्लीमेंट का उपयोग कर रहे हैं तो करेले का सेवन करते समय सावधानी बरतना चाहिए। जब करेले को मधुमेह की दवाओं के साथ लिया जाता है, तो यह खतरनाक रूप से ब्लड शुगर के स्तर को कम करने का कारण बन सकता है। हमेशा अपने ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी करें और अपने डॉक्टर को सूचित रखें। समस्या होने पर आपको इसका सेवन पूरी तरह से बंद करना पड़ सकता है या इसकी डोज़ को समायोजित करना पड़ सकता है।

करेला डायबिटीज में फायदेमंद है, लेकिन आपको इसकी मात्रा और इंटरैक्शन पर भी ध्यान रखना होगा। किसी भी चीज की अधिकता स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है इसलिए संतुलित मात्रा में करेले का सेवन डायबिटीज पेशेंट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही आपको बतादें कि आप मधुमेह के लिए स्वास्थ्य बीमा भी करा सकते हैं। जहां आपको डायबिटीज से जुड़े स्वास्थ्य के खर्चे को कवर किया जाता है और कई सारी सुविधाएं प्रदान की जाती है। आप केयर हेल्थ के डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Diabetes Health Insurance) को ले सकते हैं जिसमें मधुमेह रोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है।

>> जानें: क्या है मधुमेह के लिए सबसे अच्छा डाइट प्लान

डिस्क्लेमर: करेला स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है लेकिन किसी तरह के इंटरैक्शन होने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श करें। हेल्थ पॉलिसी की सुविधाएँ अलग-अलग हो सकती हैं। दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।

This post was last modified on Tháng mười một 18, 2024 6:10 chiều