कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र | Karagre Vasate Lakshmi Full Mantra | सुबह अपना हाथ देखने का मंत्र

कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र | Karagre Vasate Lakshmi Full Mantra | सुबह अपना हाथ देखने का मंत्र

कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र | Karagre Vasate Lakshmi Full Mantra | सुबह अपना हाथ देखने का मंत्र

कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र लाभ

Karagre Vasate Lakshmi Full Mantra: शास्त्रों के अनुसार जो लोग अपने हाथ की हथेली देखकर दिन की शुरुआत करते हैं उनके सभी काम पूरे होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि हथेलियों के ऊपरी भाग में देवी लक्ष्मी, मध्य में देवी सरस्वती और जड़ में भगवान ब्रह्मा का वास होता है।

सुबह-सुबह हथेलियों के दर्शन करने से धन, ज्ञान और स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। देवी-देवताओं के आशीर्वाद से व्यक्ति को हर कठिन समय का साहसपूर्वक सामना करने की शक्ति मिलती है।

प्रतिदिन सुबह उठकर हथेलियों को देखकर कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र पूरा जाप करने से व्यक्ति को संघर्षों से उबरने में मदद मिलती है, एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में समृद्धि आती है।

कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र | Karagre Vasate Lakshmi Full Mantra

दोनों हाथों को देखते हुए यह मंत्र बोले

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती |करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ||

समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडले |विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे ||

वसुदॆव सुतं दॆवं कंस चाणूर मर्दनम् |दॆवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दॆ जगद्गुरुम् ||

अब दोनों हथेलियों को अपने चेहरे पर घुमाएं। हथेलियों में ब्रह्मतीर्थ, ऋषितीर्थ, देवतीर्थ, प्रजापति, पितृतीर्थ और अग्नितीर्थ भी हैं।

कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र का अर्थ

इसका मतलब है कि देवी लक्ष्मी मेरे हाथ के अग्रभाग पर निवास करती हैं। मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती और मूल भाग में भगवान विष्णु निवास करते हैं।अतः प्रभातकाल में मैं इनका दर्शन करता हूं।

  • कराग्रे वसते लक्ष्मी” – “मेरे हाथों के अग्र भाग में देवी लक्ष्मी का वास है।”
  • करमध्ये सरस्वती” – “मेरे हाथों के मध्य भाग में ज्ञान की देवी सरस्वती का वास है।”
  • करमूले तु गोविंदः” – “मेरे हाथों के मूल भाग में भगवान गोविंद (विष्णु) विराजमान हैं।”
  • प्रभाते करदर्शनम” – “मैं सुबह अपने हाथों का दर्शन (कर दर्शन) करता हूं।”

मंत्र का महत्व

यह मंत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने का द्वार खोलता है।

  • देवी लक्ष्मी: भौतिक समृद्धि, धन, वैभव और ऐश्वर्य प्रदान करती हैं।
  • देवी सरस्वती: ज्ञान, बुद्धि, विद्या और कला प्रदान करती हैं।
  • भगवान विष्णु: रक्षक, पालक और समृद्धि के दाता हैं।

इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को इन तीनों देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिसके फलस्वरूप जीवन में धन, समृद्धि, ज्ञान, बुद्धि, सफलता और खुशहाली आती है।

मंत्र का जाप कैसे करें

इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ समय पर किया जा सकता है, लेकिन सूर्योदय के समय इसका जाप करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मंत्र का जाप 108 बार या कम से कम 11 बार करना चाहिए।

मंत्र जाप करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • शांत और एकाग्रचित्त होकर मंत्र का जाप करें।
  • किसी से बात न करें और मन को भटकने न दें।
  • मंत्र का जाप करते समय लाल रंग की माला का प्रयोग करें।
  • मंत्र जाप के बाद देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • प्रसाद के रूप में फल, फूल, मिठाई या दीपक चढ़ाएं।

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Karagre Vasate Lakshmi Mantra

कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र लाभ | Karagre Vasate Lakshmi Mantra Benefits

सुबह इस श्लोक को पढ़ने के फायदे:

  • धन, ज्ञान और बुद्धि लाने के लिए देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
  • आने वाले दिन के लिए एक सकारात्मक और शुभ स्वर निर्धारित करना है ।
  • मन को एकाग्र करना और अपने कार्यों में स्पष्टता और एकाग्रता लाना।
  • अपने भीतर और अपने आस-पास की दुनिया में ईश्वरीय उपस्थिति को पहचानना।
  • जो कोई भी इसे नियमित और श्रद्धापूर्वक करता है, उसके जीवन में धन, समृद्धि और वैभव की वृद्धि होती है।
  • इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सभी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं और उसे धन संबंधी समस्याओं जैसे कर्ज आदि के समाधान में देवी लक्ष्मी की सहायता भी मिलती है।
  • साथ ही परेशानियों और दुर्भाग्य से राहत पाने के लिए भी इस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।

“कराग्रे वसते लक्ष्मी” मंत्र का क्या रहस्य है?

“कराग्रे वसते लक्ष्मी” मंत्र केवल शब्दों का समूह नहीं, अपितु जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करने वाला द्वार है।

  • हाथ (कर): कर्म का प्रतीक।
  • अग्र भाग (कराग्रे): कर्म की शुरुआत, नई पहल का प्रतीक।
  • मध्य भाग (करमध्ये): कर्म का निष्पादन, ज्ञान और कौशल का उपयोग।
  • मूल भाग (करमूले): कर्म का फल, ईश्वर की इच्छा का स्वीकार।

यह मंत्र हमें क्या सिखाता है?

  • सफलता कर्म से ही प्राप्त होती है।
  • ज्ञान और कौशल कर्म को सफल बनाते हैं।
  • ईश्वर की इच्छा के समक्ष नम्रता फल प्राप्ति की कुंजी है।

मंत्र का जाप करते समय कुछ बातो का खास ध्यान रखना चाहिए?

  • हाथों को स्वच्छ और शुद्ध रखें।
  • मंत्र का जाप करते समय हाथों को मुट्ठी में बांधें।
  • प्रत्येक शब्द का उच्चारण स्पष्ट और धीरे से करें।
  • मंत्र का अर्थ मन में धारण करें।
  • पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का जाप करें।

मंत्रो का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पढता है?

  • नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं को दूर करता है।
  • मन को शांत और एकाग्र करता है।
  • आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
  • धन, समृद्धि और सफलता प्राप्ति में सहायक होता है।
  • ज्ञान, बुद्धि और विद्या प्राप्ति में सहायक होता है।

मंत्रों का क्या कोई विषेश विज्ञान होता है?

  • मंत्रों में ध्वनि तरंगों की शक्ति होती है।
  • इन तरंगों का हमारे मस्तिष्क और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • नियमित मंत्र जाप से चेतना का स्तर ऊँचा उठता है।
  • जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

अतिरिक्त जानकारी

  • आप इस मंत्र का जाप किसी अनुभवी गुरु या पुजारी से भी सीख सकते हैं।
  • आप ऑनलाइन भी कई वीडियो और लेख पा सकते हैं जो आपको इस मंत्र का जाप करने का तरीका सिखा सकते हैं।
  • “कराग्रे वसते लक्ष्मी” मंत्र के बारे में अधिक जानने के लिए आप कुछ पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष

“कराग्रे वसते लक्ष्मी” मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो जीवन में धन, समृद्धि, ज्ञान, बुद्धि, सफलता और खुशहाली ला सकता है। यदि आप जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस मंत्र का जाप अवश्य करें।

ध्यान दें: यह मंत्र केवल जानकारी के उद्देश्य से दिया गया है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या मंत्र का जाप करने से पहले किसी गुरु या विद्वान से सलाह लेना उचित है।

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This post was last modified on Tháng mười một 18, 2024 4:07 chiều