पुनर्नवा के फायदे और नुकसान – Punarnava Benefits And Side Effects In Hindi

पुनर्नवा के फायदे और नुकसान - Punarnava Benefits And Side Effects In Hindi

पुनर्नवा के फायदे और नुकसान - Punarnava Benefits And Side Effects In Hindi

पुनर्नवा के फायदे

प्रकृति की गोद में ऐसी कई जड़ी बूटियां और औषधियां मौजूद हैं जो हमारे जीवन एवं स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करती हैं। प्राचीन समय से ही उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य की प्राप्‍ति के लिए देसी जड़ी बूटियों और नुस्‍खों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

पुनर्नवा भी ऐसी ही एक जड़ी बूटी है जो हमारी सेहत में सुधार कर आयु को बढ़ाने में मदद करती है। इसका पौधा बरसात के महीनों में अधिकांश उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगता है। भारत के कुछ भागों जैसे कि पश्चित बंगाल और असम में पुनर्नवा का इस्‍तेमाल भोजन पकाने में भी किया जाता है।

आयुर्वेद में भी इस बात का वर्णन किया गया है कि पुनर्नवा में तनाव को दूर करने वाले तत्‍व मौजूद होते हैं एवं इसे रसायन (ऊर्जादायक) और लिवर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है।

(और पढ़ें – तनाव दूर करने के घरेलू उपाय)

पुनर्नवा में अनेक औषधीय गुण होते हैं जो सेहत में सुधार करने और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार पुनर्नवा किडनी स्‍टोन, पीलिया, डायबिटीज और कैंसर जैसे रोगों को ठीक करने में असरकारी है।

पुनर्नवा के तने का रंग जामुनी होता है। इसके पत्ते छोटे और बड़े दोनों तरह के होते हैं। पुनर्नवा के फूल सफेद या गुलाबी/लाल रंग के हो सकते हैं। एक रिसर्च की मानें तो पुनर्नवा की सफेद किस्म तीनों दोष (वात पित्त और कफ) के लिए उत्तम होती है जबकि लाल/गुलाबी पुनर्नवा पित्त को साफ करने के लिए जानी जाती है।

पुनर्नवा के बारे में तथ्‍य:

  • वानस्‍पतिक नाम: बोअरहेविया डिफ्यूजा
  • कुल: निक्‍टैजिनेसी
  • सामान्‍य नाम: पुनर्नवा, पिगवीड, साटी, सांठ, गदहपुरना, हॉगवीड
  • संस्‍कृत नाम: विषखपरा, पुनर्नवा
  • उपयोगी भाग: पत्तियां, बीज और जड़
  • भौगोलिक विवरण: पुनर्नवा भारत, अमेरिका और अफ्रीका के जंगली क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • गुण: शीतल

This post was last modified on Tháng mười một 18, 2024 3:51 chiều