सर्दियाँ आते ही कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं. कुछ लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं वहीं कुछ लोगों को जरूरत से ज्यादा ठंड लगने लगती हैं. इसके अलावा त्वचा मे रूखापन, एड़ियाँ फटने जैसी समस्याएं भी हैं. इन सभी समस्याओं से बचने का एक आसान तरीका है कि आप आयुर्वेदिक तेलों (Ayurvedic Oil) से शरीर की मालिश करें.
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मालिश करने से ना सिर्फ दर्द और थकान से राहत मिलती है बल्कि शरीर में गर्माहटआती है त्वचा में निखार भी आता है. इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक तेलों के बारे में बता रहे हैं जिनसे मालिश करना बेहद फायदेमंद है.
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1- तिल का तेल (Sesame Oil Massage Benefits in Hindi)
तिल के तेल को आयुर्वेदिक चिकित्सा शास्त्र में उत्तम माना गया है. वात रोगों के इलाज के लिए तिल का तेल बहुत उपयोगी है. अगर आप रोजाना तिल के तेल से कुछ देर मालिश करें तो आपको निम्न फायदे हो सकते हैं:
जोड़ों के दर्द से राहत:
घुटनों में दर्द होना सर्दियों की एक आम समस्या है. तिल के तेल को हल्का गुनगुना करके घुटनों की मालिश करने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है साथ ही सूजन भी काम होती है. गठिया के मरीजों के लिए यह मालिश बहुत फायदेमंद है.
मांसपेशियों के दर्द से राहत:
दिन भर की भागदौड़ से अगर आपकी मांसपेशियों में दर्द होने लगता है और इसकी वजह से आप कई जरूरी काम नहीं कर पा रहे हैं तो तिल के तेल से मालिश शुरू करें. इससे थकान भी दूर होती है और मांसपेशियों को आराम मिलता है.
अच्छी नींद:
आज के समय में भरपूर नींद लेना मुश्किल होता जा रहा है. दिन भर लैपटॉप या मोबाइल पर काम करने या भागदौड़ भारी लाइफस्टाइल के कारण मानसिक तनाव काफी बढ़ जाता है. ऐसे में तिल के तेल से आपको राहत मिल सकती है. इससे मालिश करने से मानसिक तनाव कम होता है और रात में अच्छी नींद आती है.
2- सरसों का तेल (Mustard Oil Massage Benefits in Hindi)
सदियों से हम सरसों के तेल का उपयोग खाना पकाने में करते आ रहे हैं. खाने के अलावा इस तेल से मालिश करने के भी अनेक फायदे हैं. आइए कुछ प्रमुख फ़ायदों के बारे में जानते हैं:
मांसपेशियों के दर्द से राहत:
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सरसों के तेल में मौजूद पोषक तत्व मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं. इससे मालिश करने से पीरियड में होने वाले दर्द से भी राहत मिल सकती है.
जोड़ों के दर्द से राहत:
जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने के लिए यह सब सबसे अच्छा तेल माना जाता है. सरसों तेल में विटामिन ई, फॉस्फोरस, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो जोड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं.
3- महानारायण तेल (Mahanarayan Oil Massage Benefits in Hindi)
महानारायण तेल एक आयुर्वेदिक तेल (Ayurvedic Oil) है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में प्रमुखता से किया जाता है. इस तेल को बनाने के लिए विशेष प्रकार की आयुर्वेदिक जडी बुटियों का उपयोग होता है जिनके उपयोग से यह तेल वात के रोगों में बहुत ही कारगर है और जोड़ों के दर्द से तुरंत आराम दिलाती है.
मांसपेशियों को लचीला बनाए:
सर्दियों में शरीर में जकड़न की वजह से चलना फिरना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में महानारायण तेल से मालिश करना बेहद उपयोगी है. इस तेल से मालिश करने से मांसपेशियाँ लचीली होती है जिससे चलने-फिरने में कोइ कठिनाई नहीं होती है साथ ही शारीरिक गतिविधियों में संतुलन भी बेहतर होता है.
घुटनों के दर्द से आराम:
महानारायन तेल का मुख्य उपयोग जोड़ों के दर्द से राहत के लिए किया जाता है. सर्दियाँ आते ही उम्रदराज लोगों में घुटनों और जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है. उनके लिए यह तेल बेहद उपयोगी है.
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4- नीलगिरी या यूकेलिप्टस का तेल (Nilgiri Oil Massage Benefits in Hindi)
नीलगिरी का तेल यूकेलिप्टस से मिलता है. इसका उपयोग आर्थराइटिस जैसी बीमारियों में दर्द को कम करने में भी किया जाता है. आइए इस तेल के मुख्य फ़ायदों के बारे में जानते हैं:
अस्थमा के लक्षणों से राहत:
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नीलगिरी का तेल अस्थमा के लक्षणों (Ayurvedic Oil for Asthma) को कम करने में मदद करता है. आयुर्वेद के अनुसार, अस्थमा में शामिल मुख्य दोष वात और कफ हैं. दूषित ‘वात’ फेफड़ों में विकृत ‘कफ दोष’ के साथ मिलकर श्वसन मार्ग में रुकावट पैदा करता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. पीठ और छाती पर नीलगिरी का तेल लगाने से कफ शांत होता है और फेफड़ों में जमा बलगम निकल जाता है. इससे अस्थमा के लक्षणों से राहत मिलती है.
गठिया के दर्द को कम करें:
कुछ दर्दनाशक क्रीम और स्प्रे में नीलगिरी तेल एक प्रमुख घटक रूप में होता है. इन दर्द निवारक औषधियों को आप सीधे अपनी त्वचा पर लगाते हैं. नीलगिरी का तेल ठंड या गर्म अनुभूति लाकर असर करता है जिससे दर्द कम महसूस होता है.
5- जैतून का तेल (Olive Oil Massage Benefits in Hindi)
जैतून का तेल आमतौर पर अधिकांश घरों में बच्चों की मालिश में उपयोग किया जाता है. बच्चों के साथ-साथ यह तेल बड़ों के लिए भी उतना ही फायदेमंद है.
त्वचा के लिए फायदेमंद:
जैतून तेल में विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट्स, और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इससे मालिश करने से त्वचा में देर तक नमी बनी रहती है जिससे सर्दियों में होने वाले रूखेपन से निजात मिलती है.
मांसपेशियों को राहत:
जैतून तेल से की गई मालिश से मांसपेशियों को आराम मिलता है क्योकि जैतून के तेल की मसाज मांसपेशियों के खिंचाव को कम करती है.
अर्थराइटिस के मरीजों के लिये उपयोगी :
अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को जैतून के तेल से मालिश करनी चाहिए. इसके लिए पहले तेल को हल्का गर्म करके अपनी हथेली पर लगाएं. इसके बाद धीरे-धीरे शरीर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो वहाँ इससे मसाज करें.
किसी भी आयुर्वेदिक तेल (Ayurvedic Oil) से मालिश करते समय इस बात का ध्यान रखें कि तेल को बहुत ज्यादा गर्म ना करें. ज्यादा गर्म तेल से जलने का डर रहता है साथ ही अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है तो कुछ रिएक्शन भी हो सकते हैं. अगर आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही इन तेलों से मालिश करें.
(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर और डॉ. दीपक सोनी, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने की है.)
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