चिकन खाना काफी लोगों को लजीज लगता है. ये ना सिर्फ प्रोटीन से भरपूर होता है बल्कि कई तरह से फायदेमंद भी होता है. क्या है चिकन से जुड़ी वो सारी बातें जिन्हें जानना आप सबके लिए बेहद जरूरी है?
करीब दो हजार साल पहले भारत के जंगलों में दक्षिणी पूर्व एशियाई लोगों ने मुर्गी को पालतू बनाया था. तब से लेकर आज के समय में काफी ज्यादा बदलाव आ चुका है. मुर्गी ने जंगल से निकलकर टेबल तक का सफर तय कर लिया है. दुनिया भर में चिकन प्रेमियों (Chicken Lovers) की तादात लगातार बढ़ती जा रही है. जो कई डिशेज के रूप में प्लेटों में सजाई भी जा रही है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक चिकन में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, और हर साल कम से कम 98 पाउंड चिकन लोगों की प्लेटों में परोस दिया जाता है. जिस चिकन को आप इतने चाव से खाते हैं. क्या उस चिकन के बारे में आपको सब कुछ पता है? देखा जाए तो शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे चिकन के बारे सब कुछ पता हो. इससे जुड़ी वो कौन सी बातें हैं, जिनसे लोग अनजान हैं. चलिए जान लेते हैं.
चिकन खाने के फायदे और नुकसान – Chicken Khaane Ke Fayde Aur Nukasan
1. जानिए आर्सेनिक लेवल
कई सालों से मुर्गियों के खाने में पोल्ट्री उत्पादक ने आर्सेनिक से जुड़ी दवाइयां मिलाते चले आ रहे हैं. ताकि मुर्गियां तेजी से बड़ी हो जाएं. और मीट गुलाबी रंग का दिखे. रॉक्सारसोन नाम की जिस दवा का मुर्गियों के खाने में इस्तेमाल किया जाता था उस दवा को साल 2011 में ही बाजारों में बंद कर दिया गया था. लेकिन बाजार में अभी भी कुछ आर्सेनिक दवाएं मुर्गियों के खाने में मिलाई जा रही हैं. जिससे कैंसर, दिल की बिमारी, डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है.
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2. अपने लेबल को समझें
चिकन के मीट में लगी मुहर से आप इसकी प्योरिटी का अंदाजा लगा सकते हैं. ये मुहर राज्य एजेंसी द्वारा लगाई जाती है. जिसमें किसी भी तरह की कोई बिमारी ना होने का प्रमाण भी दिया जाता है. ऐसी कई तरह की ओर भी मुहर होती है, जो मुर्गियों के रहने के तरीके के बारे में दर्शाते हैं. अगर किसी में ऑर्गेनिक से जुड़ा लेबल लगा होता है, तो इसका मतलब मुर्गियों को ऑर्गेनिक खाना खिलाया गया है.
3. समझिये पोषण का महत्व
चिकन में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है. ब्रेस्ट में मौजूद 268 कैलोरी आपकी मसल्स, हड्डियों, स्किन, खून और इम्युनिटी को सपोर्ट देती है. इसमें मैग्नीशियम की मात्रा 10 फिसद होती है. जिसकी जरूरत एक इंसान के शरीर को हर रोज पड़ती है. इसके अलावा चिकन में मौजूद आयरन शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुँचाने में मदद करता है. चिकन में हाई ट्रिप्टोफैन भी होता है.
4. चिकन में कोलेस्ट्रोल का स्तर
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फ़ूड एक्सपर्ट्स के मुताबिक चिकन में कोलेस्ट्रोल का स्तर अन्य मीट की तुलना में काफी कम होता है. चिकन के ब्रेस्ट में लगभग 63 फिसद गुड फैट होता है. बशर्ते इसे बेक किया हुआ खाया जाए ना की तल कर या भूनकर.
5. कैसा हो सर्विंग साइज़
चिकन के हर हिस्से का आकर एक दूसरे से अलग और बड़ा छोटा होता है. सर्विंग साइज़ एक हेल्त्दी डाइट के अंदर हो तो बेहतर है. आप जिस भी हिसे को सर्विंग के लिए चुनते हैं, वो हिस्सा पकने के बाद छोटा हो जाता है. चिकन ब्रेस्ट सर्विंग साइज़ के हिसाब से कुशल विकल्प है.
6. सस्ता और बहुपयोगी
चिकन दो कारणों की वजह से सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. पहला इसकी सस्ती कीमत और दूसरा इसका बहुपयोगी होना. चिकन अन्य मीट की तुलना में काफी सस्ता होता है. एक्सपट्र्स के मुताबिक हर साल अन्य मीट की तुलना में चिकन का मीट सबसे ज्यादा बिकता है. इसके अलावा चिकन को कई तरह से पकाया भी जा सकता है. कई तरह की डिश चिकन से आसानी से तैयार की जा सकती है, फिर वो चाहे रोस्टेड हो या डीप फ्राई.
7. जानें चिकन के बेस्ट कट्स
चिकन ब्रेस्ट खाना हेल्थ के काफी अच्छा माना जाता है. आप जब भी चिकन को बुनते हैं, तो उसकी नमी और टेस्ट इस बेस्ट कट्स में लॉक हो जाता है. इसे खाने से पहले चर्बी का हिस्सा हटाना जरूरी है. साथ ही ग्राउंड मीट से सावधानी बरतनी भी बेहद जरूरी है. इसमें आपकी मदद चिकन में लगा हुआ लेबल भी बखूबी कर सकता है.
8. कहीं लग ना जाए बीमारी
चिकन हेल्थ के लिए अच्छा होता है, इसमें कोई दो राय नहीं है. इसे जब तक अच्छे से पकाया ना जाए तब तक इसे नहीं खाना चाहिए. बता दें कच्चे मांस में बैक्टीरिया तेजी से हमला बोलते हैं. इस बैक्टीरिया के साथ चिकन खाने से हर साल लाखों लोग बीमार भी पड़ते हैं.
9. चिकन धोएं या नहीं?
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चिकन पकाने से पहले उसे धोना सही है या नहीं, इस सवाल का जवाब काफी लोग मांगते हैं. हालांकि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. आप चिकन को पकाने से पहले ना धोएं तो बेहतर है. क्योंकि जिस जगह पर आप चिकन को धोते हैं उस जगह पर बैक्टीरिया फ़ैल जाते हैं, और वो बर्तनों के साथ खाने पीने की चीजों में चिपक सकते हैं.
10. टेम्प्रेचर का रहे ख्याल
चिकन को किसी भी तरह से जब भी पकाएं तो इस बात को सुनिश्चित करें की उसका टेम्प्रेचर 165 F के अंदर ही रहे. चिकन में उपस्थित बैक्टीरिया मारने का यही एक सही तरीका है.
11. चिकन के साथ रखें सावधानी
कच्चे चिकन में बैक्टीरिया रहते हैं. आप इस बात का ध्यान रखें कि अन्य खाने पीने की चीजों से चिकन को दूर रखें. जब भी चिकन को छूएं तो हाथ अच्छे से धो लें. इसके लिए गर्म पानी और साबुन का इस्तेमाल करें. अगर कच्चे चिकन को छू लेने के बाद गलती से किसी चीज को हाथ लगा लिया है तो उसे भी अच्छे से साफ़ कर लें.
12. एंटीबायोटिक फ्री चिकन चुनें
पोल्ट्री में अक्सर मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए उनके खाने में एंटीबायोटिक दवाओं को डालते हैं. इससे आपकी हेल्थ पर किसी भी तरह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. उल्टा ये चिकन शरीर में जाके इम्युनिटी को स्ट्रांग करता है. अगर फिर भी आपको ऐसे चिकन से पहरेज करना है तो चिकन का चुनाव एंटीबायोटिक फ्री लगे लेबल के साथ कर सकते हैं.
चिकन लवर्स की दुनिया में कोई कमी नहीं है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक चिकन नगेट्स भी शरीर के लिए उतना ही फायदेमंद है, जितना की चिकन ब्रेस्ट. चिकन के जंगल से टेबल तक के सफर में इंसान को स्वाद के साथ काफी फायदे भी मिले हैं.
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