ग्रीस और तुर्किए के पड़ोस में एक देश है बुल्गारिया। आबादी में अपने पुणे शहर से भी छोटा, लेकिन करीब 50 साल पहले वहां के एथलीट्स ने बड़े-बड़े कारनामे किए। वेटलिफ्टर्स तो वर्ल्ड चैंपियन ही बन गए। उनकी इस शानदार परफॉर्मेंस का राज छुपा था एक खास जड़ी-बूटी में, जिसे 1970 के दशक में बुल्गारिया में खूब प्रमोट किया गया। वहां के एथलीट्स वह जड़ी-बूटी खाते और दूसरे खिलाड़ियों को पछाड़ देते।
- अश्वगंधा, शतावरी, सफेद मूसली और कौंच के बीजों का पाउडर एक साथ खाने से मिलेंगे कई फायदे, जानें सेवन का तरीका
- क्या नारियल पानी सभी प्रचार के लायक है?
- राहु मंत्र जाप के लाभ | Rahu Beej Mantra
- सिर्फ 1 महीने मेथी का पानी पीने शरीर में दिखने लगेंगे ये बदलाव, आज से पीना कर दें शुरू
- सफेद मूसली पाक खाने से दूर होती हैं ये 5 समस्याएं, एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे
डोप टेस्टिंग की एडवांस टेक्नोलॉजी आई और उस बूटी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। लेकिन, बुल्गारिया के खिलाड़ी तब भी उसका इस्तेमाल करते रहे। इसी वजह से आखिरकार 2008 के बीजिंग ओलिंपिक्स में बुल्गारिया के वेटलिफ्टर्स की पूरी टीम को ही बाहर कर दिया गया।
Bạn đang xem: गोखरू बांझपन दूर करे, हडि्डयां बनाए मजबूत: बुखार, जोड़ों के दर्द में कारगर, हाथी सी ताकत दे; लेकिन चुभे तो वो भी चिंघाड़ उठे
महिला और पुरुष दोनों के लिए फायदेमंद शरीर में कमाल की ताकत भर देने वाली इस जड़ी-बूटी का नाम है गोखरू। हजारों साल से भारत और चीन में इसका इस्तेमाल दवा और हेल्थ सप्लीमेंट के तौर पर होता रहा है। गोखरू के सेवन से एनर्जी मिलती है। महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता सुधरती है। सेक्शुअल हेल्थ के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
अगस्त से दिसंबर के बीच यानी इन्हीं दिनों गोखरू फलता-फूलता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं और छोटे से कंटीले फलों का आकार गाय के खुर की तरह। इसलिए इसे गोखरू, गोक्षुरक कहते हैं। ये कंटीले फल हाथी के पैर में चुभ जाएं जो वह दर्द से चिंघाड़ने लगता है। इसलिए इसे हाथी चिकार और हस्त चिंघाड़ भी कहा गया। इसका अंग्रेजी नाम लैंड कैल्ट्रॉप्स है।
इम्यूनिटी और टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन को बूस्ट करे गोखरू गुणों की खान है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ग्रीन फार्मेसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक गोखरू इम्यूनिटी और टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन को बूस्ट करता है। जिससे शारीरिक क्षमता बढ़ती है। मांसपेशियां मजबूत होती हैं। ताकत वाले काम करने में मदद मिलती है। इसलिए खिलाड़ियों के लिए इसे बहुत कारगर माना जाता है। यह दिल की बीमारियों से भी बचाता है। इसकी इन्हीं खूबियों की वजह से एथलीट्स के बीच यह काफी पॉपुलर है।
बुखार और जोड़ों के दर्द से दिलाए राहत, त्वचा भी निखारे इन दिनों मौसम बदलने से लोगों को बुखार से जूझना पड़ रहा है। गोखरू का काढ़ा पीने से बुखार में राहत मिलती है। अंजीर के साथ इसे खाने से दमा में राहत मिलती है। अगर किसी पार्टी में ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना खाने से पेट खराब हो गया हो, तब भी गोखरू के सेवन से लाभ होता है। हाजमा सुधरता है।
त्वचा के लिए भी गोखरू खूब फायदेमंद है। इसके फल को पानी में पीसकर लगाने से दाद, खाज-खुजली जैसे त्वचा रोगों में आराम मिलता है। इसके अर्क से बनी क्रीम त्वचा को निखार देती है और वायरस व बैक्टीरिया के संक्रमण से भी बचाती है। सिरदर्द, सीने में दर्द, कमर और जोड़ों के दर्द में भी गोखरू राहत दिलाता है। यह शरीर में सूजन दूर करता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन में कारगर, स्पर्म काउंट बढ़ाए गोखरू के सेवन से शरीर में ल्यूटिनाइजिंग और गोनाडोट्रोपिन-रीलीजिंग हार्मोंस भी बढ़ते हैं। टेस्टोस्टेरॉन की तरह ही ये हॉर्मोंस भी सेक्शुअल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी हैं। बीजिंग के रिसर्चर्स के मुताबिक इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जूझ रहे मरीजों को इसके सेवन से फायदा मिलता है। यौन क्षमता बढ़ती है। स्पर्म काउंट कम होने से पिता बनना मुश्किल हो जाता है। ऐसे लोगों दूध के साथ गोखरू का सेवन करने से स्पर्म काउंट और क्वॉलिटी बेहतर हो जाती है। इनफर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा मिलती है।
Xem thêm : Nipah Virus: दुश्मन नहीं, दोस्त होते हैं चमगादड़, जानिए क्या हैं फायदे
गोखरू बांझपन दूर करे, हडि्डयां बनाए मजबूत ल्यूटिनाइजिंग और गोनाडोट्रोपिन-रीलीजिंग हार्मोंस की कमी की वजह से महिलाएं बांझपन का शिकार हो जाती हैं। रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के डेवलपमेंट सही ढंग से नहीं होता है। जिससे प्रेग्नेंसी का ठहरना मुश्किल हो जाता है। तमिलनाडु के गर्वनमेंट आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नागरकोविल की रिसर्च के मुताबिक गोखरू महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ भी सुधारता है।
बरसात में उगे गोखरू के पौधों से सब्जी और साग भी बनाया जाता है। बच्चे को जन्म देने के बाद महिला को गोखरू के चूर्ण, आटे और बबूल के गोंद से बना लड्डू खिलाने से उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं। पीरियड्स के दर्द, थकान और कमजोरी से उन्हें राहत मिलती है।
किडनी की पथरी और यूटीआई में भी फायदेमंद यूरिन करते समय काफी लोगों को जलन, दर्द समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चरक संहिता के मुताबिक इन समस्याओं के इलाज में भी गोखरू का इस्तेमाल बहुत असरदार होता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) और किडनी में पथरी जैसी दिक्कतों में भी यह फायदेमंद है।
इस बात का ख्याल जरूर रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी जड़ी-बूटी या दवा का इस्तेमाल करना सेहत के लिए घातक हो सकता है। इसलिए कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह पर जरूर अमल करें।
Nguồn: https://vuihoctienghan.edu.vn
Danh mục: फ़ायदा